अमृतानुभव

श्रीगुरु स्तोत्रम्

।। श्री महादेव्युवाच ।। गुरुर्मन्त्रस्य देवस्य धर्मस्य तस्य एव वा ।विशेषस्तु महादेव ! तद् वदस्व दयानिधे ।। श्री महादेवी (पार्वती) ने कहा : हे दयानिधि शंभु ! गुरुमंत्र के देवता अर्थात् श्री गुरुदेव एवं उनका आचारादि धर्म क्या है – इस बारे में वर्णन करें । ।। श्री महादेव उवाच ।। जीवात्मनं परमात्मानं दानं ध्यानं […]

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अमृतानुभव नित्यानंदैक्यदीपिका टीका PDF

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